A poignant melody that evokes a sense of longing and patriotism, with soul-stirring lyrics that tug at the heartstrings.
Sandese Aate Hai - Song Lyrics
संदेसे आते हैं, हमें तड़पाते हैं
जो चिट्ठी आती है वो पूछे जाती है
कि घर कब आओगे, कि घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
कि तुम बिन ये घर सूना-सूना है
संदेसे आते हैं, हमें तड़पाते हैं
जो चिट्ठी आती है वो पूछे जाती
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है
कि घर कब आओगे, कि घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
कि तुम बिन ये घर सूना-सूना है
किसी दिलवाली ने, किसी मतवाली ने
हमें ख़त लिखा है, ये हम से पूछा है
किसी की साँसों ने, किसी की धड़कन ने
किसी की चूड़ी ने, किसी के कंगन ने
किसी के कजरे ने, किसी के गजरे ने
महकती सुबहों ने, मचलती शामों ने
अकेली रातों ने, अधूरी बातों ने
तरसती बाँहों ने (और पूछा है तरसी निगाहों ने)
कि घर कब आओगे, कि घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
कि तुम बिन ये दिल सूना-सूना है
संदेसे आते हैं, हमें तड़पाते हैं
जो चिट्ठी आती है वो पूछे जाती है
कि घर कब आओगे, कि घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
कि तुम बिन ये घर सूना-सूना है
मोहब्बत वालों ने, हमारे यारों ने
हमें ये लिखा है कि हम से पूछा है?
हमारे गाँव ने, आम की छाँव ने
पुराने पीपल ने, बरसते बादल ने
खेत-खलिहानों ने, हरे मैदानों ने
वसंती मेलों ने, झूमती बेलों ने
लचकते झूलों ने, बहकते फूलों ने
चटकती कलियों ने (और पूछा है गाँव की गलियों ने)
कि घर कब आओगे, कि घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
कि तुम बिन गाँव सूना-सूना है
संदेसे आते हैं, हमें तड़पाते हैं
जो चिट्ठी आती है वो पूछे जाती है
कि घर कब आओगे, कि घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
कि तुम बिन ये घर सूना-सूना है
कभी एक ममता की, प्यार की गंगा की
जो चिट्ठी आती है, साथ वो लाती है
मेरे दिन बचपन के, खेल वो आँगन के
वो साया आँचल का, वो टीका काजल का
वो लोरी रातों में, वो नरमी हाथों में
वो चाहत आँखों में, वो चिंता बातों में
बिगड़ना ऊपर से, मोहब्बत अंदर से
करे वो देवी माँ
यही हर ख़त में पूछे मेरी माँ
कि घर कब आओगे, कि घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
कि तुम बिन आँगन सूना-सूना है
संदेसे आते हैं, हमें तड़पाते हैं
जो चिट्ठी आती है वो पूछे जाती है
कि घर कब आओगे, कि घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
कि तुम बिन ये घर सूना-सूना है
ऐ गुज़रने वाली हवा, बता
मेरा इतना काम करेगी क्या?
मेरे गाँव जा, मेरे दोस्तों को सलाम दे
मेरे गाँव में है जो वो गली
जहाँ रहती है मेरी दिलरुबा
उसे मेरे प्यार का जाम दे
उसे मेरे प्यार का जाम दे
वहीं थोड़ी दूर है घर मेरा
मेरे घर में है मेरी बूढ़ी माँ
मेरी माँ के पैरों को छू के तू
उसे उसके बेटे का नाम दे
ऐ गुज़रने वाली हवा, ज़रा
मेरे दोस्तों, मेरी दिलरुबा
मेरी माँ को मेरा पयाम दे
उन्हें जा के तू ये पयाम दे
मैं वापस आऊँगा, मैं वापस आऊँगा
घर अपने गाँव में, उसी की छाँव में
कि माँ के आँचल से, गाँव के पीपल से
किसी के काजल से
किया जो वादा था वो निभाऊँगा
मैं एक दिन आऊँगा, मैं एक दिन आऊँगा
मैं एक दिन आऊँगा, मैं एक दिन आऊँगा
मैं एक दिन आऊँगा, मैं एक दिन आऊँगा
मैं एक दिन आऊँगा, मैं एक दिन आऊँगा