A melancholic melody filled with longing and devotion, Agar Ho Tum captures the essence of unrequited love beautifully.
Agar Ho Tum - Song Lyrics
अगर हो तुम तो मैं ख़ुद को भुला दूँ
तेरे ख़ाबों-ख़यालों में यूँ ही मैं बहता रहूँ
अगर हो तुम तो है फ़िर कहना क्या
तेरे वादों-इरादों में यूँ ही मैं उड़ता रहूँ
ज़माने-भर की ख़ुशियों को तेरे दामन दूँगा
तू
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माँगे एक सितारा, चाँद मैं तेरे हाथ में रख दूँगा
अगर हो तुम तो डरना क्या, हाँ
है तेरा, है मेरा, हमारा ये सारा जहाँ
अगर हो तुम तो साथ ख़ुदा, हाँ
है तेरा, है मेरा, हमारा ये सारा जहाँ
अगर हो तुम...
अगर हो तुम...
अगर हो तुम...
अगर हो तुम...
(अगर हो तुम...)
(अगर हो तुम...)
(अगर हो तुम...)
(अगर हो तुम...)
कितने सयाने देखे, कितने दीवाने देखे दिल के ठिकानों में
हाँ, तुम सा नहीं देखा, हाँ
दिल के फ़सानों में, सोहनी-महिवालों में दिल ने जहाँ देखा
हाँ, तुम सा नहीं देखा
ज़माने-भर की मोहब्बत को, हाँ, तेरे नाम मैं कर दूँगा
तू कह दे एक दफ़ा तो बाँहों में तुझे आज मैं भर दूँगा
अगर हो तुम तो डरना क्या, हाँ
है तेरा, है मेरा, हमारा ये सारा जहाँ
अगर हो तुम तो साथ ख़ुदा, हाँ
है तेरा, है मेरा, हमारा ये सारा जहाँ
(अगर हो तुम...)
(अगर हो तुम...)
(अगर हो तुम...)
(अगर हो तुम...)
(अपना पता ना पाऊँ, जानूँ ना कहाँ मैं जाऊँ)
(एक तेरे बिना, ਓ ਮਾਹੀ, मेरा और क्या?)
(नैनों में तुझको भर लूँ, ख़ुद को मैं क़ाबिल कर लूँ)
(एक तेरे बिना, ਓ ਮਾਹੀ, मेरा और क्या?)
(अगर हो तुम...)
(अगर हो तुम...)
(अगर हो तुम...)
(अगर हो तुम...)
(अगर हो तुम...)
(अगर हो तुम...)
(अगर हो तुम...)
(अगर हो तुम...)